भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) ने लोन लेने वालों को राहत देने के लिए नए दिशा-निर्देश जारी किए हैं। अब अगर कोई कर्जदार अपनी EMI का भुगतान नहीं कर पाता है, तो बैंक और गैर-बैंकिंग वित्तीय संस्थान (NBFC) उस पर जुर्माना तो लगा सकते हैं, लेकिन इस जुर्माने पर अतिरिक्त ब्याज नहीं लिया जाएगा। यह कदम कर्जदारों को वित्तीय संकट के दौरान राहत देने और बैंकों की मनमानी पर अंकुश लगाने के उद्देश्य से उठाया गया है।
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नए नियमों की मुख्य बातें
- जुर्माने पर अतिरिक्त ब्याज नहीं:
- बैंकों और NBFCs को अब केवल जुर्माना लगाने की अनुमति होगी, लेकिन उस पर अतिरिक्त ब्याज की गणना नहीं की जाएगी।
- उदाहरण के लिए, यदि कोई EMI ₹3000 है और जुर्माना ₹500 है, तो ₹3500 पर ब्याज नहीं लगाया जाएगा।
- उचित जुर्माना:
- दंडात्मक शुल्क केवल तभी लिया जा सकेगा जब उधारकर्ता ऋण समझौते की शर्तों का उल्लंघन करता है।
- यह शुल्क उचित और सीमा के भीतर होना चाहिए।
- ग्राहकों को स्पष्ट जानकारी:
- बैंकों को जुर्माने की शर्तों और शुल्क की जानकारी ग्राहकों को स्पष्ट रूप से देनी होगी।
- यह जानकारी लोन एग्रीमेंट और अन्य दस्तावेजों में दी जाएगी।
उद्देश्य
RBI का यह कदम कर्जदारों को राहत देने के साथ-साथ बैंकों और NBFCs के जुर्माने से जुड़े अनुचित प्रथाओं को समाप्त करने के लिए है। इसका उद्देश्य कर्जदारों को वित्तीय संकट के दौरान अधिक बोझ से बचाना और पारदर्शिता सुनिश्चित करना है।
क्या लागू नहीं होगा?
यह नियम क्रेडिट कार्ड भुगतान, बाहरी वाणिज्यिक ऋण (External Commercial Credit), और व्यवसायिक कर्जों पर लागू नहीं होगा।
अक्सर पूछे जाने वाले सवाल (FAQs)
क्या EMI डिफॉल्ट पर अब जुर्माना नहीं लगेगा?
जुर्माना लगेगा, लेकिन उस पर अतिरिक्त ब्याज नहीं लगाया जाएगा।
क्या यह नियम सभी प्रकार के लोन पर लागू होगा?
यह नियम व्यक्तिगत लोन, होम लोन, कार लोन आदि पर लागू होगा लेकिन क्रेडिट कार्ड भुगतान और व्यवसायिक कर्जों पर लागू नहीं होगा।
क्या जुर्माने की राशि तय है?
जुर्माने की राशि बैंकों और NBFCs द्वारा उचित सीमा में तय की जाएगी, जो ग्राहक को पहले से स्पष्ट रूप से बताई जाएगी।
RBI का यह कदम कर्जदारों के लिए एक बड़ी राहत है और इससे वित्तीय अनुशासन को बढ़ावा मिलेगा।