21 दिन में 3,560 ट्रैफिक केस! पुणे में नई प्रणाली लागू

पुणे मोटर व्हीकल कोर्ट में ई-फाइलिंग सिस्टम: ट्रैफिक नियमों के उल्लंघन के मामलों में तेजी

पुणे मोटर व्हीकल कोर्ट ने 17 मार्च 2025 से ई-फाइलिंग सिस्टम को लागू किया है, जिससे ट्रैफिक नियमों के उल्लंघन से जुड़े मामलों को ऑनलाइन दर्ज किया जा सकता है। यह सिस्टम पुणे में पहली बार लागू हुआ है और इसे देश में अपनी तरह का पहला प्रयास माना जा रहा है। इस प्रणाली के तहत, 17 मार्च से 7 अप्रैल तक 3,560 मामले ऑनलाइन दर्ज किए गए हैं।

ई-फाइलिंग सिस्टम के लाभ

  1. कागज रहित प्रक्रिया: ई-फाइलिंग से कोर्ट की प्रक्रिया पूरी तरह से कागज रहित हो गई है, जिससे पर्यावरण पर भी सकारात्मक प्रभाव पड़ रहा है।
  2. समय और श्रम की बचत: अब पुणे और पिंपरी-चिंचवाड़ की ट्रैफिक पुलिस, RTO इंस्पेक्टर, और हाईवे पुलिस को अदालत में शारीरिक रूप से उपस्थित होने की आवश्यकता नहीं है। इससे समय और श्रम दोनों की बचत होती है।
  3. तेजी से निपटान: ई-फाइलिंग से मामलों का निपटान तेजी से हो रहा है, जिससे न्यायिक प्रक्रिया में सुधार हुआ है।

ट्रैफिक नियमों के उल्लंघन के मामले

  • नशे में गाड़ी चलाना: इस तरह के उल्लंघनों के लिए मोटर चालकों के खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जाती है।
  • हाई स्पीड से गाड़ी चलाना: स्पीड लिमिट से अधिक गति से वाहन चलाने पर भी कार्रवाई होती है।
  • रॉन्ग साइड गाड़ी चलाना: यातायात की दिशा के विपरीत गाड़ी चलाने पर भी ई-चालान जारी किए जाते हैं।
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अक्सर पूछे जाने वाले सवाल (FAQs)

पुणे मोटर व्हीकल कोर्ट ने ई-फाइलिंग सिस्टम कब शुरू किया?

पुणे मोटर व्हीकल कोर्ट ने 17 मार्च 2025 से ई-फाइलिंग सिस्टम शुरू किया है।

ई-फाइलिंग सिस्टम के क्या लाभ हैं?

इससे कोर्ट की प्रक्रिया कागज रहित हो जाती है, समय और श्रम की बचत होती है, और मामलों का तेजी से निपटान होता है।

क्या ई-फाइलिंग सिस्टम केवल ट्रैफिक नियमों के उल्लंघन के लिए ही है?

हां, यह सिस्टम विशेष रूप से ट्रैफिक नियमों के उल्लंघन से जुड़े मामलों के लिए है।

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