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भारत-श्रीलंका के बीच रेल संपर्क: पंबन ब्रिज की भूमिका

हाल ही में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने तमिलनाडु में नए पंबन ब्रिज का उद्घाटन किया, जो भारत का पहला वर्टिकल लिफ्ट रेलवे सी ब्रिज है। यह पुल रामेश्वरम और मेनलैंड के बीच रेल संपर्क को सुविधाजनक बनाता है और भविष्य में भारत-श्रीलंका के बीच सीधे रेल संपर्क की संभावना को मजबूत करता है।


पंबन ब्रिज की विशेषताएं

  1. वर्टिकल लिफ्ट स्पैन:
  • इस पुल में 72.5 मीटर लंबा वर्टिकल लिफ्ट स्पैन है, जिसे 17 मीटर तक उठाया जा सकता है।
  • इससे बड़े जहाजों का सुगम आवागमन सुनिश्चित होता है।
  1. निर्माण और डिज़ाइन:
  • पुल का निर्माण 550 करोड़ रुपये से अधिक की लागत से किया गया है।
  • इसमें स्टेनलेस स्टील और उच्च श्रेणी के पेंट का उपयोग किया गया है।
  1. सांस्कृतिक महत्व:
  • पंबन ब्रिज रामायण के राम सेतु से जुड़ा है, जो इसे सांस्कृतिक रूप से महत्वपूर्ण बनाता है।

भारत-श्रीलंका रेल संपर्क की संभावनाएं

  1. भविष्य की योजनाएं:
  • भारत और श्रीलंका के बीच सीधे रेल संपर्क के लिए लगभग 25 किलोमीटर लंबे पुल की आवश्यकता है।
  • इस परियोजना पर लगभग 5 बिलियन अमेरिकी डॉलर खर्च होने का अनुमान है।
  1. आर्थिक और सांस्कृतिक लाभ:
  • सीधे रेल संपर्क से दोनों देशों के बीच व्यापार और सांस्कृतिक संबंध मजबूत होंगे।
  • यह परियोजना क्षेत्रीय विकास को भी बढ़ावा देगी।

FAQs

1. पंबन ब्रिज का सांस्कृतिक महत्व क्या है?
पंबन ब्रिज रामायण के राम सेतु से जुड़ा है, जो इसे सांस्कृतिक रूप से महत्वपूर्ण बनाता है। यह रामेश्वरम को मुख्य भूमि से जोड़ता है, जो एक प्रमुख तीर्थ स्थल है।

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2. भारत-श्रीलंका के बीच सीधे रेल संपर्क की संभावनाएं क्या हैं?
भारत और श्रीलंका के बीच सीधे रेल संपर्क के लिए लगभग 25 किलोमीटर लंबे पुल की आवश्यकता है। इस परियोजना पर लगभग 5 बिलियन अमेरिकी डॉलर खर्च होने का अनुमान है।

3. पंबन ब्रिज की तकनीकी विशेषताएं क्या हैं?
पंबन ब्रिज में वर्टिकल लिफ्ट स्पैन है, जो 17 मीटर तक उठाया जा सकता है। इसमें स्टेनलेस स्टील और उच्च श्रेणी के पेंट का उपयोग किया गया है, जिससे यह कठोर समुद्री वातावरण में भी सुरक्षित रहता है।

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