हिंदी वेब एड्रेस: केंद्र सरकार की नई पहल

यूनिवर्सल एक्सेप्टेंस: क्षेत्रीय भाषाओं में इंटरनेट का विस्तार

यूनिवर्सल एक्सेप्टेंस (UA) एक ऐसा प्रयास है जो इंटरनेट को अंग्रेजी के अलावा अन्य भाषाओं में उपलब्ध कराने पर जोर देता है। भारत सरकार ने इस दिशा में कदम उठाते हुए हिंदी और अन्य क्षेत्रीय भाषाओं में वेब एड्रेस का उपयोग शुरू किया है। यह पहल डिजिटल समावेशन को बढ़ावा देने और भाषा की बाधाओं को कम करने के लिए की गई है।

केंद्र सरकार की पहल

  1. हिंदी वेब एड्रेस का उपयोग: गृह मंत्रालय अब मुख्य रूप से हिंदी यूआरएल, गृहमंत्रालय.सरकार.भारत का उपयोग करता है। यह वेबसाइट हिंदी और अंग्रेजी दोनों संस्करणों में उपलब्ध है।
  2. अन्य भाषाओं में विस्तार: .bharat IDN के तहत 22 क्षेत्रीय भाषाओं जैसे तमिल, बंगाली, तेलुगु आदि में वेब एड्रेस उपलब्ध कराए गए हैं।
  3. भाषानेट पोर्टल: IT मंत्रालय और NIXI ने भाषानेट पोर्टल विकसित किया है, जो सरकारी संगठनों को IDN जोड़ने में मदद करता है।

यूनिवर्सल एक्सेप्टेंस का महत्व

  • डिजिटल समावेशन: यह पहल गैर-अंग्रेजी बोलने वाले उपयोगकर्ताओं को इंटरनेट से जोड़ने और डिजिटल विभाजन को कम करने के लिए महत्वपूर्ण है।
  • तकनीकी समाधान: IDN का उपयोग ASCII स्क्रिप्ट के माध्यम से किया जाता है, जिससे गैर-लैटिन URL को पुनीकोड शॉर्टहैंड में संसाधित किया जाता है।
  • आर्थिक और सामाजिक प्रभाव: क्षेत्रीय भाषाओं में वेब और ईमेल पते जोड़ने से डिजिटल अर्थव्यवस्था को बढ़ावा मिलेगा और रोजगार के अवसर उत्पन्न होंगे।

चुनौतियां

  • निजी क्षेत्र द्वारा अपनाने की दर अभी भी कम है।
  • जागरूकता बढ़ाने और लाभ प्रदान करने की आवश्यकता है ताकि क्षेत्रीय भाषाओं में इंटरनेट उपयोग को प्रोत्साहित किया जा सके।
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FAQs

  1. यूनिवर्सल एक्सेप्टेंस क्या है?
    • यूनिवर्सल एक्सेप्टेंस एक तकनीकी पहल है जो सभी वैध डोमेन नामों और ईमेल पतों को किसी भी भाषा या स्क्रिप्ट में स्वीकार करने और सही ढंग से प्रदर्शित करने की क्षमता सुनिश्चित करती है।
  2. भाषानेट पोर्टल का उद्देश्य क्या है?
    • भाषानेट पोर्टल सरकारी संगठनों को IDN जोड़ने में मदद करता है और क्षेत्रीय भाषाओं में इंटरनेट उपयोग को बढ़ावा देता है।
  3. भारत में यूनिवर्सल एक्सेप्टेंस क्यों महत्वपूर्ण है?
    • भारत में 18,000 से अधिक बोलियां हैं। यह पहल गैर-अंग्रेजी बोलने वाले उपयोगकर्ताओं को इंटरनेट तक पहुंच प्रदान करके डिजिटल समावेशन को बढ़ावा देती है।

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