गुजरात के मुख्यमंत्री भूपेंद्र पटेल ने शहरी विकास को बढ़ावा देने के लिए महत्वपूर्ण निर्णय लिए हैं।
मुख्यमंत्री भूपेंद्र पटेल ने गुजरात की नगरपालिकाओं को उनके नए नगर सेवा केंद्रों के निर्माण के लिए राज्य सरकार द्वारा दी जाने वाली सहायता में वृद्धि करने का निर्णय लिया है। इस निर्णय का उद्देश्य नागरिकों को अधिक सुविधा और आसानी प्रदान करना है। स्वर्णिम जयंती मुख्यमंत्री शहरी विकास योजना के तहत सहायता राशि बढ़ाने के साथ ही, नगर सेवा सदनों में दिव्यांगों और वरिष्ठ नागरिकों के लिए लिफ्ट की सुविधा शामिल करने और ऊर्जा स्वावलंबन के लिए सोलर सिस्टम लगाने का भी निर्णय लिया गया है।
इसके अलावा, मुख्यमंत्री ने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी से प्रेरित ‘कैच द रेन’ अभियान को बढ़ावा देने के लिए नए नगर सेवा सदनों में वर्षा जल संचयन प्रणाली स्थापित करने के निर्देश दिए हैं। राज्य की ‘ए’ और ‘बी’ श्रेणी की नगर पालिकाओं को नए नगर सेवा केंद्रों के निर्माण के लिए क्रमशः 6 करोड़ और 10 करोड़ रुपये दिए जाएंगे।
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स्वर्णिम जयंती मुख्यमंत्री शहरी विकास योजना की विशेषताएं:
- शहरी बुनियादी ढांचे का विकास: जल आपूर्ति और भूमिगत जल निकासी पर ध्यान केंद्रित किया गया है।
- नल से जल पहल: दैनिक नल जल आपूर्ति के लिए शुरू की गई पहल।
- सीवेज ट्रीटमेंट प्लांट: सौर ऊर्जा का उपयोग करते हुए एसटीपी की स्थापना और परिचालन दक्षता में सुधार।
FAQs:
- स्वर्णिम जयंती मुख्यमंत्री शहरी विकास योजना का मुख्य उद्देश्य क्या है?
- इस योजना का मुख्य उद्देश्य शहरी बुनियादी ढांचे को उन्नत बनाना है, जिसमें जल आपूर्ति और भूमिगत जल निकासी पर विशेष ध्यान दिया जाता है।
- नगर सेवा केंद्रों के निर्माण में क्या विशेषताएं शामिल की जाएंगी?
- नए नगर सेवा केंद्रों में दिव्यांगों और वरिष्ठ नागरिकों के लिए लिफ्ट की सुविधा, ऊर्जा स्वावलंबन के लिए सोलर सिस्टम, और वर्षा जल संचयन प्रणाली शामिल की जाएंगी।
- गुजरात की नगर पालिकाओं को कितनी सहायता प्रदान की जाएगी?
- ‘ए’ श्रेणी की नगर पालिकाओं को 6 करोड़ रुपये, ‘बी’ श्रेणी को 10 करोड़ रुपये, ‘सी’ श्रेणी को 4 करोड़ रुपये, और ‘डी’ श्रेणी को 3 करोड़ रुपये की सहायता दी जाएगी।