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RBI की रेपो रेट कटौती और फिक्स्ड डिपॉजिट पर प्रभाव
भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) ने हाल ही में रेपो रेट में 0.25% की कटौती की है, जिससे यह 6% हो गई है। इस कटौती से जहां लोन सस्ते होंगे, वहीं फिक्स्ड डिपॉजिट (FD) पर ब्याज दरें कम होने की संभावना है।
रेपो रेट कटौती का प्रभाव
- लोन सस्ता होने का फायदा:
- रेपो रेट में कटौती से बैंकों को सस्ते में कर्ज मिलता है, जिससे होम लोन, कार लोन जैसे लोन सस्ते होते हैं।
- इससे EMI में कमी आती है।
- फिक्स्ड डिपॉजिट पर ब्याज दरें कम होने की संभावना:
- जब बैंकों को सस्ते में कर्ज मिलता है, तो उन्हें FD पर अधिक ब्याज देने की जरूरत नहीं रहती।
- इससे FD पर ब्याज दरें कम हो सकती हैं।
क्यों FD पर ब्याज दरें कम होती हैं?
- बैंकों की लागत कम होती है:
जब रेपो रेट कम होता है, तो बैंकों को आरबीआई से सस्ते में कर्ज मिलता है। - बैंकों को कम ब्याज देने की जरूरत:
बैंकों को अब FD पर अधिक ब्याज देने की जरूरत नहीं होती, क्योंकि उन्हें सस्ते में धन मिल जाता है।
क्या करें?
अगर आप FD करने की सोच रहे हैं, तो जल्दी करें क्योंकि बैंक जल्द ही FD पर ब्याज दरें कम कर सकते हैं। इससे पहले फरवरी में भी ऐसा हुआ था जब रेपो रेट में कटौती के बाद कई बैंकों ने FD दरें कम की थीं।
FAQs
1. रेपो रेट में कटौती का क्या प्रभाव है?
रेपो रेट में कटौती से लोन सस्ते होते हैं और FD पर ब्याज दरें कम होने की संभावना होती है।
2. क्या FD पर ब्याज दरें कम होने की संभावना है?
हां, रेपो रेट में कटौती के बाद बैंकों को सस्ते में कर्ज मिलने से FD पर ब्याज दरें कम हो सकती हैं।
3. क्या मुझे अभी FD करना चाहिए?
हां, अगर आप FD करने की सोच रहे हैं, तो जल्दी करें क्योंकि बैंक जल्द ही FD पर ब्याज दरें कम कर सकते हैं।