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आरबीआई का गोल्ड लोन गाइडलाइन्स पर नया प्रस्ताव
भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) ने गोल्ड लोन से संबंधित गाइडलाइन्स की समीक्षा करने का प्रस्ताव दिया है। गवर्नर संजय मल्होत्रा ने एमपीसी बैठक के दौरान घोषणा की कि सभी रेगुलेटेड यूनिट्स (बैंक और एनबीएफसी) के लिए गोल्ड लोन के विवेकपूर्ण मानदंडों और आचरण संबंधी पहलुओं को सुसंगत बनाने के लिए व्यापक रेगुलेशन जारी किए जाएंगे।
मुख्य बातें
- गोल्ड लोन गाइडलाइन्स की समीक्षा
आरबीआई ने गोल्ड लोन उद्योग में अनियमितताओं को ध्यान में रखते हुए नई गाइडलाइन्स जारी करने का निर्णय लिया है। इसमें बेहतर बैकग्राउंड चेक, गोल्ड की स्वामित्व जांच, और लोन के उपयोग की निगरानी जैसे उपाय शामिल होंगे। - नियामकीय सैंडबॉक्स का विस्तार
आरबीआई ने फिनटेक इनोवेशन को बढ़ावा देने के लिए नियामकीय सैंडबॉक्स फ्रेमवर्क को थीम न्यूट्रल और सदा सुलभ बनाने का प्रस्ताव दिया है। - को-लोन फ्रेमवर्क का विस्तार
केंद्रीय बैंक ने को-लोन व्यवस्थाओं के लिए एक सामान्य नियामकीय ढांचा जारी करने का फैसला किया है, जो प्राथमिकता क्षेत्र तक सीमित नहीं होगा।
शेयर बाजार पर असर
गोल्ड लोन गाइडलाइन्स में बदलाव की खबरों के बाद मुथूट फाइनेंस और मण्णपपुरम फाइनेंस जैसी कंपनियों के शेयरों में गिरावट देखने को मिली। मुथूट फाइनेंस के शेयर 6% तक गिर गए, जबकि मण्णपपुरम फाइनेंस के शेयरों में 1.66% की गिरावट दर्ज की गई।
FAQs
1. आरबीआई गोल्ड लोन गाइडलाइन्स में क्या बदलाव कर रहा है?
आरबीआई गोल्ड लोन देने वाले बैंकों और एनबीएफसी के लिए बैकग्राउंड चेक, स्वामित्व जांच, और उपयोग की निगरानी जैसे नियमों को सख्त बना रहा है।
2. गोल्ड लोन गाइडलाइन्स में बदलाव से फिनटेक कंपनियों पर क्या असर पड़ेगा?
फिनटेक कंपनियों द्वारा गोल्ड स्टोरेज और वेल्यूएशन जैसे कार्यों में अनियमितताओं को रोकने के लिए आरबीआई नए नियम लागू करेगा।
3. गोल्ड लोन गाइडलाइन्स में बदलाव से शेयर बाजार पर क्या प्रभाव पड़ा है?
गोल्ड लोन कंपनियों जैसे मुथूट फाइनेंस और मण्णपपुरम फाइनेंस के शेयरों में गिरावट दर्ज की गई है। इससे निवेशकों में चिंता बढ़ी है।