गुजरात पुलिस ने GP-DRASHTI नामक एक परियोजना शुरू की है, जिसका उद्देश्य ड्रोन का उपयोग करके अपराध स्थल पर तेजी से प्रतिक्रिया देना है। इस परियोजना के तहत, जब किसी घटना की सूचना पुलिस कंट्रोल रूम को मिलती है, तो एक साथ PCR वैन और ड्रोन बेस स्टेशन को अलर्ट किया जाता है। ड्रोन PCR वैन से भी तेजी से घटनास्थल पर पहुंचता है, जिससे पुलिस की प्रतिक्रिया समय में आधे से भी कम समय लग सकता है, कभी-कभी सिर्फ दो से ढाई मिनट में।
Table of Contents
GP-DRASHTI परियोजना की मुख्य बातें:
1. ड्रोन की भूमिका
- तेजी से प्रतिक्रिया: ड्रोन PCR वैन से भी तेजी से घटनास्थल पर पहुंचते हैं।
- वास्तविक समय फुटेज: ड्रोन द्वारा कैप्चर की गई फुटेज वास्तविक समय में अधिकारियों को भेजी जाती है, जिससे वे स्थिति का मूल्यांकन कर सकते हैं।
2. पायलट प्रोजेक्ट और विस्तार
- पायलट प्रोजेक्ट: सूरत और अहमदाबाद में 10 दिन का पायलट प्रोजेक्ट सफलतापूर्वक चलाया गया।
- विस्तार: पहले चरण में अहमदाबाद, सूरत, वडोदरा और राजकोट के 33 पुलिस स्टेशनों में इस प्रणाली को लागू किया जाएगा।
3. ड्रोन की तैनाती
- वर्तमान स्थिति: अब तक 8 ड्रोन खरीदे गए हैं और 18 से अधिक जल्द ही तैनात किए जाएंगे।
- प्रशिक्षण: कराई में 6 दिन की ट्रेनिंग प्रोग्राम आयोजित की गई है ताकि इस परियोजना को सफलतापूर्वक लागू किया जा सके।
FAQs
1. GP-DRASHTI परियोजना क्या है?
GP-DRASHTI एक ड्रोन आधारित परियोजना है जिसका उद्देश्य अपराध स्थल पर तेजी से प्रतिक्रिया देना है। यह परियोजना ड्रोन का उपयोग करके PCR वैन से भी तेजी से घटनास्थल पर पहुंचने में मदद करती है।
2. ड्रोन कितनी तेजी से घटनास्थल पर पहुंचते हैं?
ड्रोन PCR वैन से आधे समय में घटनास्थल पर पहुंचते हैं, कभी-कभी सिर्फ दो से ढाई मिनट में।
3. GP-DRASHTI परियोजना का विस्तार कहां तक होगा?
पहले चरण में यह परियोजना अहमदाबाद, सूरत, वडोदरा और राजकोट के 33 पुलिस स्टेशनों में लागू की जाएगी।