गुजरात के सूरत से एक अद्भुत सफलता की कहानी सामने आई है, जहां दो जुड़वा बहनों रीबा और राहिन हफीजी ने एमबीबीएस की फाइनल परीक्षा में समान अंक प्राप्त किए हैं। दोनों बहनों ने 935 (66.8%) अंक हासिल कर एक अद्वितीय उपलब्धि हासिल की है। यह सफलता न केवल उनकी मेहनत का परिणाम है, बल्कि उनकी मां गुलशाद बानू के समर्पण और संघर्ष का भी परिणाम है, जो एक सिंगल मदर और टीचर हैं।
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रीबा और राहिन की सफलता की कहानी
1. शैक्षिक यात्रा:
दोनों बहनें वडोदरा के जीएमईआरएस मेडिकल कॉलेज में एमबीबीएस की पढ़ाई कर रही हैं। उन्होंने 2019 में यहां दाखिला लिया था और एक ही छात्रावास में रहते हुए एक साथ कक्षाएं लीं।
2. NEET-UG में सफलता:
रीबा और राहिन ने NEET-UG की परीक्षा बिना कोचिंग के पास की। राहिन ने 97.7% और रीबा ने 97% अंक प्राप्त किए थे।
3. आगे की योजनाएं:
दोनों बहनें अब पीजी की पढ़ाई करने की योजना बना रही हैं और एक ही कॉलेज में एडमिशन लेना चाहती हैं। राहिन प्रसूति और स्त्री रोग में विशेषज्ञता लेना चाहती हैं, जबकि रीबा इंटरनल मेडिसिन में रुचि रखती हैं।
4. परिवार का समर्थन:
इन दोनों बहनों की सफलता में उनकी मां, नाना-नानी और दादा-दादी का भी महत्वपूर्ण योगदान रहा है। उन्होंने आर्थिक कठिनाइयों के बावजूद अपनी बेटियों को कभी हार नहीं मानने दिया।
FAQs
1. रीबा और राहिन की सफलता का मुख्य कारण क्या है?
इन दोनों जुड़वा बहनों की सफलता का मुख्य कारण उनकी मेहनत और परिवार का समर्थन है। उनकी मां ने आर्थिक कठिनाइयों के बावजूद उनकी पढ़ाई में मदद की।
2. उन्होंने NEET-UG की तैयारी कैसे की?
रीबा और राहिन ने NEET-UG की तैयारी बिना कोचिंग के की। उन्होंने अपने एग्जाम की तैयारी एक साथ की और हमेशा समान अंक प्राप्त किए।
3. आगे की योजनाएं क्या हैं?
दोनों बहनें अब पीजी की पढ़ाई करने की योजना बना रही हैं और एक ही कॉलेज में एडमिशन लेना चाहती हैं।