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केंद्र सरकार की LIC में हिस्सेदारी बिक्री की योजना: आम नागरिकों और पॉलिसीधारकों को मौका
केंद्र सरकार वित्त वर्ष 2025-26 में भारतीय जीवन बीमा निगम (LIC) में अपनी 2-3% हिस्सेदारी बेचने की योजना बना रही है। यह कदम बाजार की स्थिति पर निर्भर करेगा और 2027 तक 10% सार्वजनिक शेयरधारिता की नियामक आवश्यकता को पूरा करने के लिए किया जा रहा है। इस बार हिस्सेदारी बिक्री में आम नागरिकों के साथ-साथ LIC के पॉलिसीधारकों को भी भागीदारी का मौका मिलेगा।
प्रमुख बिंदु
- हिस्सेदारी बिक्री का उद्देश्य:
- सरकार का मुख्य उद्देश्य LIC के शेयर प्राइस को बढ़ाना है और 2027 तक 10% सार्वजनिक शेयरधारिता की आवश्यकता को पूरा करना है।
- आम नागरिकों और पॉलिसीधारकों को भी इस प्रक्रिया में शामिल किया जाएगा।
- बिक्री की रणनीति:
- सरकार एकमुश्त पेशकश के बजाय छोटे-छोटे हिस्सों में हिस्सेदारी बेचने की योजना बना रही है, जिससे बेहतर वैल्यू मिल सके।
- यदि बाजार की स्थिति अनुकूल नहीं होती है, तो सरकार इसे आगे टालने का विकल्प भी चुन सकती है।
- वित्तीय लाभ:
- LIC के मौजूदा बाजार पूंजीकरण के आधार पर, 2-3% हिस्सेदारी बेचने से सरकार को लगभग 9,500 से 14,500 करोड़ रुपये मिल सकते हैं।
- यह राशि सरकार के वित्तीय लक्ष्यों को पूरा करने में मदद करेगी।
- बाजार की स्थिति:
- हाल के दिनों में LIC के शेयरों में उतार-चढ़ाव देखा गया है, जिससे कंपनी की शेयर होल्डिंग्स की वैल्यू में बदलाव आया है।
अक्सर पूछे जाने वाले सवाल (FAQs)
केंद्र सरकार LIC में कितनी हिस्सेदारी बेचने की योजना बना रही है?
सरकार वित्त वर्ष 2025-26 में LIC में 2-3% हिस्सेदारी बेचने की योजना बना रही है, जो बाजार की स्थिति पर निर्भर करेगी।
क्या आम नागरिकों और पॉलिसीधारकों को भी हिस्सेदारी बिक्री में भाग लेने का मौका मिलेगा?
हां, इस बार हिस्सेदारी बिक्री में आम नागरिकों और LIC के पॉलिसीधारकों को भी भाग लेने का मौका दिया जाएगा।
हिस्सेदारी बिक्री से कितना राजस्व प्राप्त हो सकता है?
LIC के मौजूदा बाजार पूंजीकरण के आधार पर, 2-3% हिस्सेदारी बेचने से सरकार को लगभग 9,500 से 14,500 करोड़ रुपये मिल सकते हैं।