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प्रधानमंत्री मुद्रा योजना: आर्थिक सुधार और वित्तीय समावेशन में क्रांति
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 2015 में प्रधानमंत्री मुद्रा योजना (PMMY) की शुरुआत की, जिसका उद्देश्य छोटे व्यवसायों, ग्रामीण उद्यमों और महिलाओं को वित्तीय सहायता प्रदान करना था। यह योजना यूपीए सरकार के दौरान फाइनेंशियल सिस्टम में मौजूद खामियों को सुधारने और आम जनता को आर्थिक रूप से सशक्त बनाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम थी।
योजना के मुख्य उद्देश्य
- आसान कर्ज उपलब्ध कराना: गरीब और मध्यम वर्गीय लोगों को स्वरोजगार के लिए बिना जटिल प्रक्रियाओं के लोन देना।
- वित्तीय समावेशन: बैंकिंग प्रणाली से वंचित लोगों को फॉर्मल बैंकिंग सिस्टम में शामिल करना।
- महिला सशक्तिकरण: महिला उद्यमियों को प्राथमिकता देकर उनके व्यवसाय को बढ़ावा देना।
मुद्रा योजना की कैटेगिरी
योजना के तहत तीन श्रेणियों में लोन प्रदान किए जाते हैं:
- शिशु: ₹50,000 तक का लोन।
- किशोर: ₹50,000 से ₹5 लाख तक का लोन।
- तरुण: ₹5 लाख से ₹10 लाख तक का लोन (तरुण प्लस के तहत ₹10 से ₹20 लाख तक)।
योजना के प्रभाव
- रोजगार उत्पन्न करना: 2015-2018 के बीच 1 करोड़ से अधिक रोजगार सीधे तौर पर मुद्रा योजना से उत्पन्न हुए।
- महिला उद्यमिता: कुल दिए गए लोन का 70% महिलाओं को मिला, जिससे प्रति महिला ऋण वितरण में 13% और जमा राशि में 14% की वार्षिक वृद्धि हुई।
- SC/ST/OBC वर्गों का सशक्तिकरण: इन वर्गों को 50% से अधिक लोन प्रदान किए गए, जिससे वे आत्मनिर्भर बने।
- क्रेडिट हिस्ट्री निर्माण: छोटे कारोबारियों ने नई तकनीकों और उत्पादों को अपनाकर अपने व्यवसाय को बढ़ाया।
अंतरराष्ट्रीय मान्यता
अंतर्राष्ट्रीय मुद्रा कोष (IMF) ने प्रधानमंत्री मुद्रा योजना को वित्तीय समावेशन और महिला नेतृत्व वाले व्यवसायों को बढ़ावा देने के लिए सफल बताया। इसके अलावा, SBI की रिपोर्ट के अनुसार MSME लोन 2014 में ₹8.51 लाख करोड़ से बढ़कर 2024 में ₹27.25 लाख करोड़ तक पहुंच गया।
पर्यटन उद्योग में योगदान
2025 के बजट में “बेबी लोन” के तहत होमस्टे सुविधाओं के लिए ₹1500 करोड़ रुपये आवंटित किए गए, जिससे पर्यटन उद्योग को भी बढ़ावा मिला।
पॉजिटिव परिणाम
- गरीबी में कमी: स्वरोजगार से आय बढ़ी और गरीबी दर में गिरावट आई।
- नशा सेवन में कमी: आर्थिक रूप से सक्षम होने पर लोग नकारात्मक आदतों से दूर रहते हैं।
- फिनटेक का विकास: UPI और डायरेक्ट बेनिफिट ट्रांसफर ने बैंकिंग को सरल और सुलभ बनाया।
- आत्म-सम्मान में वृद्धि: बैंक से लोन लेकर व्यवसाय शुरू करने से सामाजिक प्रतिष्ठा बढ़ी।
अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न (FAQs)
प्रधानमंत्री मुद्रा योजना का मुख्य उद्देश्य क्या है?
इस योजना का उद्देश्य छोटे व्यवसायों और ग्रामीण उद्यमों को वित्तीय सहायता प्रदान करना है ताकि वे आत्मनिर्भर बन सकें।
योजना के तहत कितने प्रकार के लोन उपलब्ध हैं?
योजना के तहत तीन प्रकार के लोन उपलब्ध हैं: शिशु (₹50,000 तक), किशोर (₹50,000-₹5 लाख), और तरुण (₹5-₹10 लाख).
इस योजना का सबसे बड़ा लाभ किसे मिला है?
इस योजना का सबसे बड़ा लाभ महिलाओं, SC/ST/OBC वर्गों और छोटे उद्यमियों को मिला है।