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पंचमुखी हनुमान मंदिर: पाकिस्तान में 1500 साल पुराना ऐतिहासिक मंदिर
पंचमुखी हनुमान मंदिर, कराची, पाकिस्तान में स्थित एक ऐतिहासिक और पवित्र स्थल है, जो 1500 साल पुराना है। यह मंदिर न केवल हिंदू समुदाय के लिए धार्मिक महत्व रखता है, बल्कि इसकी ऐतिहासिक और सांस्कृतिक धरोहर भी इसे खास बनाती है।
मंदिर की विशेषताएं:
- स्वयंभू मूर्ति:
- यह मंदिर दुनिया का एकमात्र ऐसा स्थान है जहां भगवान हनुमान की “प्राकृतिक” मूर्ति स्थापित है।
- 8 फीट ऊंची यह मूर्ति मानव निर्मित नहीं मानी जाती और इसे त्रेता युग से संबंधित माना जाता है।
- राष्ट्रीय धरोहर:
- सिंध सांस्कृतिक विरासत अधिनियम 1994 के तहत इसे राष्ट्रीय धरोहर घोषित किया गया है।
- मंदिर ने समय-समय पर अतिक्रमण और अन्य चुनौतियों का सामना किया है, लेकिन आज भी यह अपनी पहचान बनाए हुए है।
- स्थान और संरचना:
- यह कराची के सोल्जर बाजार में स्थित है।
- मंदिर की संरचना में पीले पत्थरों का उपयोग किया गया है, जो इसकी प्राचीनता को दर्शाते हैं।
हनुमान जन्मोत्सव का आयोजन:
हनुमान जन्मोत्सव के दिन इस मंदिर में विशेष पूजा-अर्चना होती है। श्रद्धालु बड़ी संख्या में यहां दर्शन करने आते हैं। इस अवसर पर मंदिर सुबह 5 बजे से खुला रहता है और पूरे दिन भक्तों की भीड़ रहती है।
ऐतिहासिक महत्व:
- ऐसा माना जाता है कि भगवान राम ने अपने वनवास के दौरान इस स्थान का दौरा किया था।
- खुदाई के दौरान यहां कई प्राचीन मूर्तियां और कलाकृतियां मिली हैं, जो इस मंदिर की प्राचीनता को प्रमाणित करती हैं।
आम पूछे जाने वाले प्रश्न (FAQs):
1. पंचमुखी हनुमान मंदिर कहां स्थित है?
यह मंदिर कराची, पाकिस्तान के सोल्जर बाजार क्षेत्र में स्थित है।
2. इस मंदिर की मूर्ति क्यों खास मानी जाती है?
मूर्ति प्राकृतिक रूप से बनी हुई मानी जाती है और इसे त्रेता युग से संबंधित माना जाता है।
3. क्या पंचमुखी हनुमान मंदिर को राष्ट्रीय धरोहर घोषित किया गया है?
हां, इसे सिंध सांस्कृतिक विरासत अधिनियम 1994 के तहत राष्ट्रीय धरोहर घोषित किया गया है।