पश्चिम रेलवे: 100% बिजलीकरण! गुजरात कैसे बना अव्वल?

गुजरात में 100% रेलवे विद्युतीकरण: एक नए युग की शुरुआत

गुजरात ने ब्रॉड गेज रेलवे लाइनों का 100% विद्युतीकरण हासिल कर लिया है, जिससे पूरे पश्चिम रेलवे ने भी इस मील का पत्थर पार किया है[2][5]. यह उपलब्धि न केवल गुजरात के लिए बल्कि पूरे देश के लिए एक महत्वपूर्ण कदम है, जो भारतीय रेलवे को ‘नेट जीरो’ उत्सर्जन की दिशा में आगे बढ़ाता है[3][4].

विद्युतीकरण के फायदे:

  1. डीजल की बचत: विद्युतीकरण से डीजल की भारी लागत से बचत होगी, जिससे पर्यावरण पर भी कम प्रभाव पड़ेगा[5].
  2. क्लीन एनर्जी: भविष्य में रेलवे स्वयं क्लीन एनर्जी स्रोत से बिजली पैदा कर सकती है, जैसे कि सौर ऊर्जा[4].
  3. इलेक्ट्रिक इंजन की दक्षता: इलेक्ट्रिक इंजन डीजल इंजन की तुलना में अधिक कुशल और पर्यावरण अनुकूल होते हैं[5].

गुजरात की प्रगति:

  • 11 साल में वृद्धि: 2014 में 785 किलोमीटर से बढ़कर 2025 में 4,027 किलोमीटर विद्युतीकृत ब्रॉड गेज लाइनें हो गई हैं[5].
  • पूर्ण विद्युतीकरण: गुजरात उन 25 राज्यों में शामिल हो गया है जिन्होंने 100% रेलवे विद्युतीकरण हासिल किया है[5].

आगे की योजनाएं:

भारतीय रेलवे का लक्ष्य वित्त वर्ष 2025-26 तक पूरे नेटवर्क का 100% विद्युतीकरण करना है[3]. राजस्थान, कर्नाटक, तमिलनाडु, गोवा और असम जैसे राज्यों में अभी भी कुछ काम बाकी है, जिसे आने वाले एक या दो साल में पूरा किया जाएगा[5].

आम पूछे जाने वाले प्रश्न (FAQs):

1. गुजरात में रेलवे विद्युतीकरण का क्या महत्व है?
गुजरात में 100% रेलवे विद्युतीकरण से डीजल की बचत होगी और पर्यावरण पर कम प्रभाव पड़ेगा।

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2. क्या पूरे भारत में रेलवे विद्युतीकरण पूरा हो गया है?
नहीं, भारत में अभी भी कुछ राज्यों में विद्युतीकरण का काम बाकी है, लेकिन लक्ष्य है कि 2025-26 तक पूरा नेटवर्क विद्युतीकृत हो जाए[3][4].

3. विद्युतीकरण से क्या फायदे हैं?
विद्युतीकरण से डीजल की लागत कम होती है, पर्यावरण पर कम प्रभाव पड़ता है, और भविष्य में क्लीन एनर्जी स्रोतों का उपयोग संभव हो सकता है[5].

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