भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) की आगामी मौद्रिक नीति बैठक 7 से 9 अप्रैल के बीच होने वाली है, जिसमें रेपो रेट में एक और कटौती की संभावना है। फरवरी में पहली बार 5 साल में रेपो रेट में 0.25% की कटौती की गई थी, जिससे यह 6.25% हो गया। अब विशेषज्ञों का अनुमान है कि RBI फिर से 0.25% की कटौती कर सकता है, जिससे रेपो रेट 6% तक आ सकता है[1][3][4]. इस कटौती से होम लोन और अन्य कर्जों की ईएमआई कम हो सकती है, जिससे हाउसिंग मार्केट में बिक्री बढ़ सकती है[2][5].
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RBI की ब्याज दर कटौती का प्रभाव:
1. हाउसिंग मार्केट पर प्रभाव
- बिक्री में बदलाव: महंगे घरों की बिक्री बढ़ रही है, लेकिन सस्ते घरों की बिक्री कम हो रही है[5].
- कीमतें बढ़ीं: पिछले एक साल में घरों की कीमतें 10% से 34% तक बढ़ गई हैं[5].
2. ब्याज दर कटौती की उम्मीद
- आर्थिक विकास: महंगाई कम होने से RBI को आर्थिक विकास पर ध्यान देने का मौका मिल रहा है[5].
- होम लोन की मांग: ब्याज दर कम होने से होम लोन लेने की क्षमता बढ़ेगी और लोन का बोझ कम होगा[5].
3. विशेषज्ञों की राय
- बैंक ऑफ अमेरिका: RBI रेपो रेट को 5.5% तक ला सकता है, जिससे कुल 1% की कटौती होगी[1][4].
- गोल्डमैन सैक्स: RBI 50 bps तक की कटौती कर सकता है[2].
FAQs
1. RBI की अगली मौद्रिक नीति बैठक कब है?
RBI की अगली मौद्रिक नीति बैठक 7 से 9 अप्रैल के बीच होगी, जिसके नतीजे 9 अप्रैल को आएंगे[3][5].
2. रेपो रेट में कटौती की संभावना क्यों है?
महंगाई दर नियंत्रित होने और आर्थिक विकास को बढ़ावा देने के लिए रेपो रेट में कटौती की संभावना है[1][4].
3. ब्याज दर कटौती का हाउसिंग मार्केट पर क्या प्रभाव पड़ेगा?
ब्याज दर कटौती से होम लोन की मांग बढ़ सकती है और घर खरीदने वालों का आत्मविश्वास बढ़ेगा[5].