रुपये की तेजी से डॉलर पस्त! जानें आपको कैसे मिलेगा लाभ

रुपया मंगलवार को डॉलर के मुकाबले 39 पैसे मजबूत होकर 85.71 प्रति डॉलर पर पहुंच गया है। अंतरबैंक विदेशी मुद्रा बाजार में रुपये ने 85.85 से शुरुआत की और शुरुआती कारोबार में 85.71 तक मजबूती दिखाई। इससे पहले शुक्रवार को भी रुपया 58 पैसे की बढ़त के साथ 86.10 प्रति डॉलर पर बंद हुआ था। इस तेजी के पीछे स्टॉक मार्केट में मजबूती और कच्चे तेल की कीमतों का रिकॉर्ड निचले स्तर पर पहुंचना मुख्य कारण हैं।

डॉलर इंडेक्स में लगातार गिरावट देखी जा रही है, जो छह प्रमुख मुद्राओं के मुकाबले अमेरिकी डॉलर की स्थिति को दर्शाता है। जनवरी में यह इंडेक्स 110 के रिकॉर्ड उच्च स्तर पर था, लेकिन अब यह 99.46 तक गिर चुका है। अमेरिकी प्रशासन द्वारा भारत पर अतिरिक्त 26% शुल्क को 9 जुलाई तक टालने के फैसले ने भी रुपये को मजबूती दी है।

विदेशी निवेशकों ने हालांकि शुक्रवार को भारतीय शेयर बाजार से 2,519 करोड़ रुपये के शेयर बेचे, लेकिन कमजोर डॉलर और कच्चे तेल की कीमतों में गिरावट ने रुपये को सपोर्ट किया। रुपये की मजबूती से भारत के लिए आयात सस्ता होगा, जिससे महंगाई कम करने में मदद मिलेगी। इसके अलावा विदेश यात्रा और पढ़ाई का खर्च भी घटेगा, और निवेशकों का भरोसा भारतीय अर्थव्यवस्था पर बढ़ेगा।

FAQs

Q1: रुपये में मजबूती का मुख्य कारण क्या है?
शेयर बाजार की मजबूती, कच्चे तेल की कीमतों में गिरावट, डॉलर इंडेक्स की कमजोरी और अमेरिकी प्रशासन द्वारा भारत पर शुल्क टालना मुख्य कारण हैं।

Q2: रुपये की मजबूती से आम लोगों को क्या लाभ होगा?
आयात सस्ता होगा, महंगाई कम होगी, विदेश यात्रा और पढ़ाई का खर्च घटेगा, और निवेशकों का भरोसा बढ़ेगा।

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Q3: डॉलर इंडेक्स क्या है और इसका रुपये पर क्या प्रभाव होता है?
डॉलर इंडेक्स छह प्रमुख मुद्राओं के मुकाबले अमेरिकी डॉलर की ताकत को दर्शाता है। जब डॉलर कमजोर होता है, तो रुपये मजबूत होता है।

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