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शेयर बाजार में भूचाल: 5 प्रमुख कारण जिन्होंने बाजार को बनाया ‘ब्लैक फ्राइडे’
सोमवार, 7 अप्रैल 2025 को भारतीय शेयर बाजार में भारी गिरावट देखी गई। BSE सेंसेक्स में लगभग 2500 अंकों की गिरावट आई, जबकि NSE निफ्टी 900 अंकों से अधिक गिर गया। इस गिरावट के पीछे कई कारण हैं, जिनमें से प्रमुख हैं डोनाल्ड ट्रंप की टैरिफ नीतियाँ और उनके प्रभाव। आइए जानते हैं कि आज की गिरावट के पीछे कौन-कौन से मुख्य कारण हैं:
1. ट्रेड वॉर की आशंका
डोनाल्ड ट्रंप के टैरिफ के जवाब में चीन ने भी अमेरिकी आयात पर 34% टैरिफ लगाया है। यूरोपीय यूनियन सहित अन्य देश भी इसकी तैयारी कर रहे हैं। इससे पूरी दुनिया में ट्रेड वॉर की आशंका मजबूत हो गई है, जिससे निवेशकों में घबराहट है और वे बिकवाली कर रहे हैं5.
2. रुपये की कमजोरी
डॉलर के मुकाबले रुपया 50 पैसे कमजोर होकर खुला। रुपया अमेरिकी डॉलर के मुकाबले 85.74 पर खुला। रुपये की कमजोरी ने भी बाजार की चाल को प्रभावित किया है5.
3. एशियाई बाजारों में बिकवाली
जापान, ताइवान, हांगकांग, चीन और कोरिया के बाजारों में भारी गिरावट आई है। इससे पहले अमेरिकी शेयर बाजार भी पूरी तरह लाल हो गया था। दुनियाभर के बाजारों में आई गिरावट से भारतीय बाजार भी प्रभावित हुआ है5.
4. मंदी की आहट
अमेरिका में मंदी की आशंका मजबूत हो गई है। डोनाल्ड ट्रंप की टैरिफ नीतियों से अमेरिकी अर्थव्यवस्था बुरी तरह प्रभावित हो सकती है। अमेरिका दुनिया की सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था है, ऐसे में उसका मंदी की चपेट में आना पूरी दुनिया को प्रभावित कर सकता है5.
5. विदेशी निवेशकों का रुख
विदेशी निवेशकों ने बिकवाली शुरू कर दी है। अप्रैल 2025 के पहले सप्ताह के 4 सत्रों में ही वे बाजार से कुल 10,355 करोड़ रुपये की निकासी कर चुके हैं। इससे भी भारतीय शेयर बाजार कमजोर हुआ है5.
अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न (FAQs)
सोमवार को शेयर बाजार में कितनी गिरावट आई?
सोमवार को BSE सेंसेक्स में लगभग 2500 अंकों की गिरावट आई, जबकि NSE निफ्टी 900 अंकों से अधिक गिर गया।
गिरावट के पीछे मुख्य कारण क्या हैं?
गिरावट के पीछे मुख्य कारण डोनाल्ड ट्रंप की टैरिफ नीतियाँ, ट्रेड वॉर की आशंका, रुपये की कमजोरी, एशियाई बाजारों में बिकवाली, मंदी की आहट और विदेशी निवेशकों की बिकवाली हैं।
क्या यह गिरावट अस्थायी है या लंबे समय तक रह सकती है?
यह गिरावट अस्थायी हो सकती है, लेकिन ट्रेड वॉर और मंदी की आशंका के कारण यह लंबे समय तक भी बनी रह सकती है। निवेशकों को सतर्क रहने की सलाह दी जा रही है