सोना सस्ता हुआ तो क्यों? एक्सपर्ट ने खोले 4 राज

सोने की कीमतों में गिरावट: क्या सोना 40% तक सस्ता हो सकता है?

हाल ही में, अमेरिकी विश्लेषक फर्म मॉर्निंगस्टार के रणनीतिकार जॉन मिल्स ने भविष्यवाणी की है कि सोने की कीमतें ग्लोबल मार्केट में 40% तक गिर सकती हैं। यह गिरावट सोने की बढ़ती सप्लाई और घटती डिमांड के कारण हो सकती है। भारतीय बाजार में, सोने की कीमतें वर्तमान में 91,000 रुपये प्रति 10 ग्राम से अधिक हैं, लेकिन अनुमान है कि यह 55,000 रुपये तक गिर सकती हैं।

सोने की कीमतों में गिरावट के कारण

  1. बढ़ती सप्लाई: सोने का उत्पादन बढ़ गया है, जिससे वैश्विक भंडार में वृद्धि हुई है। ऑस्ट्रेलिया ने सोने का उत्पादन बढ़ाया है और रीसाइकल सोने की सप्लाई भी बढ़ी है.
  2. घटती डिमांड: केंद्रीय बैंकों ने पिछले साल 1,045 टन सोना खरीदा था, लेकिन अब वे अपनी खरीदारी धीमी कर सकते हैं। वर्ल्ड गोल्ड काउंसिल के सर्वे में पाया गया कि 71% केंद्रीय बैंक अपने सोने के भंडार को कम करने या मौजूदा स्तर पर बनाए रखने की योजना बना रहे हैं.
  3. मार्केट सेचुरेशन: सोने के क्षेत्र में विलय और अधिग्रहण में वृद्धि हुई है, जो बाजार के चरम पर होने का संकेत है। इसके अलावा, सोने-समर्थित ईटीएफ में भी उछाल देखी गई है.
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विपरीत राय

हालांकि, बैंक ऑफ अमेरिका और गोल्डमैन सैक्स जैसे प्रमुख वित्तीय संस्थानों का मानना है कि सोने की कीमतें आगे भी बढ़ सकती हैं। बैंक ऑफ अमेरिका का अनुमान है कि अगले दो वर्षों में सोना 3,500 डॉलर प्रति औंस तक पहुंच सकता है, जबकि गोल्डमैन सैक्स को उम्मीद है कि 2025 के अंत तक कीमत 3,300 डॉलर प्रति औंस हो सकती है.

अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न (FAQs)

सोने की कीमतें कब तक गिर सकती हैं?

अनुमान है कि सोने की कीमतें 40% तक गिर सकती हैं, जिससे भारतीय बाजार में सोना 55,000 रुपये प्रति 10 ग्राम तक आ सकता है.

सोने की कीमतों में गिरावट के मुख्य कारण क्या हैं?

सोने की बढ़ती सप्लाई और घटती डिमांड मुख्य कारण हैं। इसके अलावा, मार्केट सेचुरेशन भी एक प्रमुख कारक है.

क्या सभी विशेषज्ञ सोने की कीमतों में गिरावट की भविष्यवाणी कर रहे हैं?

नहीं, बैंक ऑफ अमेरिका और गोल्डमैन सैक्स जैसे संस्थानों का मानना है कि सोने की कीमतें आगे भी बढ़ सकती हैं

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